खोरी अपडेट (159)
07-11-2022
जिंदाबाद साथियों!
हम खोरी गाँव के सभी लोगो के अधीकारो के लिए लड़ रहे हैं न के केवल उन लोगो के लिए जो पात्र सूची में है। हमारे द्वारा अब तक उठाए गए कुछ कदमों का उल्लेख नीचे किया गया है।
खोरी गांव टूटने से पहले खोरी गांव में एक सर्वे हुआ था, जो की याशी कंसल्टेंसी के द्वारा किया गया था। इसी सम्बंध में हमारे वकीलों ने ( एमसीएफ के वकील ) अरुण भारद्वाज और एमसीएफ के आयुक्त को एक पत्र भेजा गया था। उस पत्र में लिखा गया था कि –
“याचिकाकर्ताओं ने खोरी गांव क्षेत्र के सर्वे रिकॉर्ड प्राप्त किए हैं जो हरियाणा राज्य के पास उपलब्ध थे और सार्वजनिक डोमेन में हैं । हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय के सामने ये बात कभी नही रखी गई, जबकि यह स्पष्ट रूप से साबित करता है की यह लोग खोरी गांव निवासी थे। यह सर्वे रिकॉर्ड साबित करता है की यह पात्र माने जा सकते है पुनर्वास निति दिनांक 25.08.2021, और न्यायालय के आदेश दिनांक 15.11.2021 के तहत। जो व्यक्ति पुनर्वास योजना के अनुसार पर्याप्त दस्तावेज उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं थे, उन्हें अपनी पात्रता स्थापित करने के लिए इन अतिरिक्त दस्तावेजों को प्रस्तुत करने की अनुमति दी जानी चाहिए।“
और साथ ही में हमारे वकीलों ने 20 जून से 29 जून 2022 के बीच हुई राधा स्वामी मे उप-समिति की सुनवाई से पात्र निवासियों की सूची के बारे में भी एक पत्र भेजा है। एमसीएफ को नया सूची ई-पोर्टल पर साझा करने के लिए कहा गया है और पब्लिक डोमेन में। इसके अतिरिक्त, हमारे वकीलों ने अपील प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी मांगी। पत्र में लिखा है –
“हमें उन व्यक्तियों के लिए अगले कदमों के बारे में बताएं जो पुनर्वास के लिए अपात्र पाए गए हैं। एमसीएफ की पुनर्वास नीति अपील प्रक्रिया और अपील दायर करने के लिए 30 दिन की अवधि की बात करती है। इसके लिए आवश्यक है कि जिन व्यक्तियों के दावों को खारिज कर दिया गया है, उनकी अस्वीकृति के कारणों के साथ-साथ प्रभावित व्यक्तियों के बारे में एक सूची दी जाए और साथ ही वेबसाइट पोर्टल पर अपलोड की जाए।“
हम प्रेस, सोशल मीडिया और जनसभाओं जैसे अन्य प्लेटफार्म के माध्यम से भी इन मुद्दों के बारे में अपनी आवाज उठाएंगे।
हमें खोरी गांव आंदोलन को जारी रखना है
हार नही मानेंगे,लड़ेंगे और जीतेंगे
टीम साथी खोरी गाँव