खोरी अपडेट (82)
18-01-2022
दोस्तों जिंदाबाद!!
आज नगर निगम फरीदाबाद, हमारे दिए गए सुझावों को अदालती कार्रवाई से पहले अमल में ले आई। उन्होंने वेबसाइट पर लिस्ट डाल दी है। इसके बाद 83 नंबर ख़ोरी अपडेट में हम लिस्ट और नोटिस के बारे में बताएंगे।
आज सर्वोच्च न्यायालय में क्या हुआ?
समय की कमी के कारण आज खोरी गांव और पीएलपीए वन भूमि मामलों की सुनवाई नहीं हो सकी। हालांकि, जजों ने जाने से पहले अगली संभावित सुनवाई की तारीख के बारे में वकीलों से बात की। वरिष्ठ वकील संजय पारिखजी ने अदालत को डबुआ कॉलोनी की खराब स्थिति के बारे में बताया। जवाब में अरुण भारद्वाज जी ने कहा कि सफाई की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। पारिख और अन्य द्वारा उठाए गए बिंदु सही नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर अधिक सफाई को प्राथमिकता दी जाती है, तो यह किया जा सकता है। संजय पारिख इस पर बहुत परेशान हुए और उन्होंने कहा कि यह मुद्दा सिर्फ सफाई से कहीं ज्यादा है।
उन्होंने तर्क दिया कि इन फ्लैटों में कोई खिड़कियां, दरवाजे या सेवाएं नहीं हैं। खोरी गांव के निवासी भी इंसान हैं। उन्हें 6 महीने से अधिक समय से बेघर कर दिया गया है। इन तर्कों के आधार पर, माननीय न्यायाधीश खानविलकरजी ने नगर निगम के वकील भारद्वाजजी पर उनकी लापरवाही के लिये नाराजगी जताई और पूछा कि इसमें इतना समय क्यों लग रहा है? भारद्वाजजी ने जवाब में समस्याओं को सुलझाने के लिए संजय पारिख के साथ डबुआ कॉलोनी जाने का सुझाव दिया। संजय पारिख जी तुरंत कहा कि हमने यह बात पहले ही 11 दिसम्बर को उनकी मुलाकात के दौरान दिया था। लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया।
न्यायाधीशों के कार्यभार के आधार पर अगली अदालती सुनवाई 2 दिनों या एक सप्ताह में हो सकती है; हालांकि, इसे जल्द से जल्द सुनने का प्रयास किया जाएगा।
ख़ोरी गांव के साथ और सहयोग में
टीम साथी