ख़ोरी अपडेट
08-12–2021
जिंदाबाद!
साथियों
मुश्किल यह है कि कानूनी दांवपेंचों ने लोगों की जिंदगी बुझा दी है। मगर सामने की कानूनी लड़ाई को छोड़ भी नहीं सकते। सरकार जिस भी तरह के दांव पेंच खेले उसका जवाब देना भी जरूरी है।
इसीलिए हमने चिट्ठी आंदोलन की शुरुआत की है।
अब जब सरकार सिर्फ और सिर्फ अदालत में वन कानून बदलने की बात कर रही है । खोरी के लोगों के हक की बात दूर हो रही है। ऐसे समय में उन पर यह दबाव जाना बहुत जरूरी है। बाकी हम और किसी संघर्ष में भी पीछे नहीं हैं।
हम नही चाहते कि खोरी गांव के किसी भी व्यक्ति का हक छूट जाए। सरकार से आर्थिक सहायता की मांग करने की बात सर्वोच्च न्यायालय ने 15 नवंबर को अपने आदेश में कहीं ही है।
हम तीन तरह की चिट्ठियां लिखवाने में मदद कर रहे हैं। पहली जिसमें कि डबुआ कॉलोनी में जिन्होंने फ्लैट के लिए अप्लाई किया था। उनकी ओर से आर्थिक सहायता के लिए निवेदन।
और यदि उनका फ्लैट का आवेदन मंजूर नहीं हुआ तो उनके लिए दुबारा अपील करने वाला पत्र।
और एक पत्र हर उस परिवार की ओर से लिखा जा सकता है। जिसका मकान टूटा। चाहे उन्होंने डबुआ कॉलोनी के लिए ई पोर्टल पर फार्म नही भरा या भरना भी नहीं चाहा। मगर मकान तोड़े गए हैं तो आर्थिक सहायता का तो हक है ही। यह कोई दान नहीं है बल्कि हक है जो सर्वोच्च न्यायालय ने भी मंजूर किया है।
पत्रों के बारे में पूरी और जानकारी के लिए आप 4 दिसंबर वाला अपडेट सुन लीजिए।
टीम साथी के साथी आपके सहयोग के लिए लगातार बैठ ही रहे हैं।
1–हनुमान मंदिर पर अनिकेत भाई व सहयोगी
2–ठेके वाली गली पर रेखाबहन व सहयोगी
3–इस्लाम चौक के पास मुस्कान व सहयोगी
आपको कभी भी कोई बात में दिक्कत आती है। आप हमें फोन कर सकते हैं। मिल सकते हैं। चर्चा कर सकते हैं।
हिम्मत नहीं हारेंगे, अपना हक लेकर रहेंगे। आज नही तो कल।
खोरी गांव के सहयोग में
टीम साथी