Update 2 December 2021

ख़ोरी अपडेट

02-12-2021

जिंदाबाद!

साथियों

कल 3 दिसंबर, 2021 को सर्वोच्च न्यायालय में “रेखा पिंकी पुष्पा बनाम भारत सरकार” व अन्य मुकदमों पर सुनवाई है। इसमें खास करके खोरी गांव को क्यों उजाड़ा गया? कैसे उजाड़ा गया? उसकी पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए हैं।

26 नवंबर की सुनवाई में क्योंकि “पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम 1900” में बदलाव वाले व अन्य मुकदमे पर बहस पूरी नही हुई थी इसलिए माननीय न्यायाधीश ने 3 दिसंबर पर पहले उसी पर बहस जारी रखने का आदेश दिया। जिसके बाद हमारे अन्य मुकदमे सुने जाएंगे।

मगर यह वन सम्बन्धी तमाम मुकदमे महत्वपूर्ण है।

जिसमें एक तरफ सरकार कह रही है कि इस अधिनियम के तहत हरियाणा की 40% भूमि वन भूमि के तहत आ रही है। इसलिए इसमें बदलाव किया जाए। और तमाम बड़े फार्म हाउस वाले, कालोनी वाले और खेती के मुद्दे पर जो वकील खड़े हैं वह भी कह रहे हैं कि वे इस अधिनियम के तहत नहीं आते या इस अधिनियम में बदलाव किया जाये।

दूसरी तरफ पर्यावरणविदों ने जो मुकदमे डाले हैं। उनमें कहा जा रहा है कि इस अधिनियम के तहत मात्र अरावली पहाड़ियों की ही थोड़ी जमीन आ रही है।

दोनों ही तरफ से खोरी गांव के बारे में, उसके उजाड़ के बारे में कहने वाले नहीं नजर आते हैं।

हम खोरी गांव के पक्ष में पुरजोर बात रखेंगे।

“शांति देवी व अन्य बनाम भारत सरकार” के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारीख जी ने वन अधिनियम सम्बन्धी जो कागजात दाखिल किए थे उनको अदालत ने 26 नवम्बर को संज्ञान में लिया है। 

अदालती कार्रवाई के बाद आपको संक्षेप में कार्रवाई की सूचना देंगे।

हम कोशिश करेंगे की इस संदर्भ में जो मुकदमे चालू है उन सभी की जानकारी आपको दे।

हिम्मत नहीं हारेंगे, अपना हक लेकर रहेंगे। आज नही तो कल।

खोरी गांव के सहयोग में

टीम साथी