Update 10 November 2021, Part 2

ख़ोरी अपडेट

10-11-2021

जिंदाबाद!

साथियों

आज हरियाली, सौहार्द, समानता, वात्सल्य और प्रकृति के साथ निकटता का त्यौहार छठ है । हरियाणा सरकार का ख़ोरी गांव पर हमला लोगों ने सुबह झेला। जेसीबी और पुलिस ने आकर बचेखुचे ईंटो के ढांचों को तबाह किया।

टीम साथी ने इस खबर पर तुरंत एक सावधान संदेश सब ख़ोरी वासियों को भेजा।

साथ ही  (1)” रेखा, पिंकी, पुष्पा बनाम भारत सरकार” (2) “शांति, अनीता, बीना ज्ञान, सरोज पासवान व बब्बो बनाम भारत सरकार व अन्य”
वाले दोनों मुकदमों के वरिष्ठ वकील श्री संजय पारीख जी व सृष्टि अग्निहोत्री और तृप्ति पोद्दार को खबर भेजी। अन्य जानकारियां भी फोटो सहित उनको भेजी गई। 

जिन्होंने तुरंत नगर निगम के वकील श्री अरुण भारद्वाज को 11.45 पर पत्र भेजा। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने 22 अक्टूबर की आदेश में कहा था कि वादियों को समस्या होने पर उनको ही पहले पत्र भेजा जाए। सृष्टि अग्निहोत्री जी ने अरुण भारद्वाज जी से फोन पर बात भी की।
पत्र में लिखा कि हरियाणा सरकार अब सर्वोच्च न्यायालय में  “पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम, 1900” में परिवर्तन कर रही है। यानि यह कानून ही विवाद में ला दिया गया है। 

बहुत सारी जमीनों को, फार्म हाउस व शादी के मैदानों व तमाम बड़े ढांचों को इस अभी सर्वोच्च न्यायालय से स्टे मिला हुआ है। यानी जिस कानून के तहत खोरी को भी तोड़ा गया उस कानून के तहत कौन सी जमीन आनी है इस पर सर्वोच्च न्यायालय में 15 नवंबर को सुनवाई होनी है। अभी मामला पुनः अदालत के विचाराधीन है। ऐसी स्थिति में खोरी गांव में ढांचों को तोड़ना सही नही होगा।

उन्होंने इस बारे में नगर निगम से निवेदन किया कि सर्वोच्च न्यायालय इस मुद्दे पर अंतिम बहस तक कोई तोड़फोड़ नहीं होनी चाहिए। 

साथ ही वादियों की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में भी ख़ोरी गांव की इस तोड़फोड़ पर एक आवश्यक मुकदमा दायर किया गया है। वकील संजय पारिख जी कल सर्वोच्च अदालत में इस मुद्दे को उठाएंगे।

इसके बाद फिर  लगभग 12:45 पर नगर निगम फरीदाबाद की जेसीबी, अधिकारी और पुलिस वापस चले गए।

हम वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारीख जी, एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड सृष्टि अग्निहोत्री व वकील तृप्ति पोद्दार के आभारी हैं।

हां और दिन की तरह कल से ई पोर्टल पर फॉर्म भरने के लिए साथी उपलब्ध रहेंगे। आप ई-पोर्टल पर फार्म भरवाए ताकि ख़ोरी गांव से उजड़े लोगों की लिस्ट में आपका नाम शामिल हो सके। आपके पास कागजात यदि दिल्ली के भी हैं तो भी ई पोर्टल पर रजिस्टर तो करना ही चाहिए।

अदालत में मुकदमे भी लंबे चलने हैं और पुनर्वास की लड़ाई उस से भी लंबी है।

हम वादा करते हैं हम सब साथ लड़ेंगे और जीतेंगे।

खोरी गांव के सहयोग में

टीम साथी