*खोरी अपडेट*
20-9-2021
( सर्वोच्च न्यायालय में आज की चली कार्यवाही के आधार पर किसी भी विवाद की स्थिति में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को ही मान्य करें)
20 सितंबर 2021 की आज की अदालती सुनवाई खोरी गांव के निवासियों के लिए कुछ बहुत ही आवश्यक सकारात्मक खबर लेकर आई है।
*”रेखा, पिंकी व पुष्पा बनाम भारत सरकार”* तथा अन्य मुकदमों में नगर निगम फरीदाबाद के वकील श्री भारद्वाज ने अदालत को बताया कि पुनर्वास प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है।15 सितंबर तक 2391 पुनर्वास आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 892 प्रथम दृष्टया पात्र पाए गए। इसमें से लगभग 302 ने अंतरिम आवंटन पत्र लेने के लिए कार्यालय को सूचना दी है।
अदालत ने नगर निगम के वकील को कहा कि ₹ 17,000 बहुत लोग नहीं दे पाएंगे। क्या उसके लिए सरकार कोई लोन देने की व्यवस्था करने वाली है? सरकारी वकील ने कहा कि हम इसमें मदद करेंगे? वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारीख ने अदालत को बताया कि वर्तमान पुनर्वास नीति के अनुसार अभी लोगों को कोई पैसा देने की आवश्यकता नहीं है। यह रकम अंतिम आवंटन के समय देनी होगी।
अदालत पुनर्वास योजना के मुद्दे से जुड़ी सभी याचिकाओं को अगले सप्ताह के लिए स्थगित करने वाली थी, *वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारिख ने हस्तक्षेप किया और कहा कि देखा जाना चाहिए कि नगर निगम फरीदाबाद को कम आवेदन क्यो प्राप्त हुए थे? क्योंकि पात्रता मानदंड बहुत सीमित हैं।*
उन्होंने तर्क दिया कि खोरी गांव के लिए बनाई गई पुनर्वास नीति प्रधान मंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के आधार पर तैयार की गई है, लेकिन इसमें आधार कार्ड, बैंक खाते, किसी अन्य विशिष्ट पहचान विवरण जैसे पहचान दस्तावेजों को ध्यान में नहीं रखा गया है।
इसी तरह, आधार के लिए पहचान के प्रमाण के लिए स्वीकार्य दस्तावेजों की सूची जैसे पासपोर्ट, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि को भी स्वीकार किया जाना चाहिए। पारीख जी ने यह भी कहा कि उजड़े हुए व्यक्ति द्वारा स्वयं यह कहा जाना कि उस की आमदनी 3 लाख है यह बात मान्य होनी चाहिए।
यह सब सुनने के बाद पीठ ने नगर निगम फरीदाबाद के वकील को अगली तारीख पर अपनी प्रतिक्रिया रखने के लिए कहा। नगर निगम फरीदाबाद की पुनर्वास नीति को पिछले हफ्ते ” *शांति, अनीता, बीना ज्ञान, सरोज पासवान व बिब्बो बनाम भारत सरकार व अन्य” द्वारा चुनौती दी गई थी। इस मुकदमे पर अगली सुनवाई 27 सितंबर, 2021, सोमवार को तय की गई है।* हम इस याचिका के लिए विशेष तौर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्री संजय पारीख जी और एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड सुश्री सृष्टि अग्निहोत्री के बहुत आभारी हैं कि उन्होंने खोरी गांव के उजड़ो के लिए बनाई गई तथाकथित पुनर्वास नीति में बहुत सीमित तरह से रखी गई पात्रता को अदालत में व्यवस्थित रूप से रखा और अदालत ने उस पर संज्ञान लिया। हमने अदालत ने भी सभी मुद्दे उठाए हैं जो कि खोरी गांव में एक पर्चे के रूप में वितरित किए थे हम उसकी पीडीएफ फाइल भी साथ भेज रहे हैं।
*खोरी गांव के सहयोग में*
टीम साथी