*खोरी अपडेट*
14-09-2021
आज 14 सितंबर की सर्वोच्च न्यायालय मेंपूरी सुनवाई नगर निगम फरीदाबाद ( एमसीएफ) द्वारा ख़ोरी गांव के लिए दाखिल की गई पुनर्वास के लिए समयसीमा और पुनर्वास योजना को समर्पित रही। मुकदमों की अगली सुनवाई 20 सितंबर 2021 को दोपहर 2:00 बजे होगी। आज अन्य किसी भी मुद्दे पर ना कोई चर्चा हुई पाई ना ही कोई अन्य वकील बोल पाया सिर्फ एक वकील जिन्होंने पूरी कानूनी प्रक्रिया पर प्रश्न उठाया।
एमसीएफ का प्रतिनिधित्व करते हुए, असिस्टेंट सॉलीसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने नीचे उल्लिखित पुनर्वास के लिए समयरेखा पर चर्चा की -15 अक्टूबर: आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि27 अक्टूबर : पात्र आवेदकों की अंतिम सूची का प्रकाशन30 अक्टूबर: ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का ड्रा11 नवंबर: योग्य आवेदकों को दी गई 2000/- की किराया राशि15 नवंबर : जारी होगा आवंटन पत्र30 अप्रैल 2022: ईडब्ल्यूएस फ्लैट का कब्जा दिया जाएगा।
इस अनुचित समय-सीमा को सुनकर न्यायाधीशों ने एमसीएफ के वकीलों को फटकार लगाई और पूछा कि विस्थापितों की प्लेट में पुनर्वास दिए जाने को 2022 तक क्यों ले जाया गया? आवंटन के तुरंत बाद अंतरिम आवंटन क्यों नहीं दिया जा सकता है? एमसीएफ के वकीलों ने अदालत को सूचित किया कि ईडब्ल्यूएस फ्लैट तैयार नहीं थे और उन्हें ठीक करने में 4-5 महीने लगेंगे।
खोरी गांव निवासी रेखा, पिंकी वह पुष्पा की ओर से दायर याचिका का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारिख ने अस्थायी आश्रय के संबंध में अदालत को तत्काल याद दिलाया और अदालत से पुनर्वास प्रक्रिया को तेज करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी मांग की कि आवेदन प्रक्रिया के लिए एक ई-पोर्टल उपलब्ध कराया जाए।
अन्य मुकदमे के वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आवेदन की कट ऑफ तारीख को पीछे धकेलने की जरूरत है क्योंकि कई निवासियों को प्रक्रिया के बारे में पता नहीं है।
माननीय न्यायाधीश खानविलकर जी ने एमसीएफ को पात्र निवासियों को मकानों के आवंटन के संबंध में एक अस्थायी योजना शुरू करने का आदेश दिया। आवेदन प्राप्त होने के एक सप्ताह के भीतर, एमसीएफ को जांच और एक “आवंटन पत्र” के बाद निवासियों को एक अंतरिम आवंटन प्रदान करना होगा। इस पत्र में उल्लेख होगा कि आवंटन अस्थायी है और अंतिम जांच के अधीन है। इसके बाद योग्य आवेदकों को अंतिम आवंटन पत्र दिया जाएगा। न्यायाधीशों ने एमसीएफ को आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि को 15 नवंबर तक स्थानांतरित करने का निर्देश दिया और एमसीएफ को ई-पोर्टल भी जारी करने को कहा था कि उजड़े हुए लोग जो कहीं दूर चले गए हैं वह ई पोर्टल के माध्यम से एनसीएफ को अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकें।
पुनर्वास नीति के चुनौती देने वाली याचिका पर भी सुनवाई अगले सोमवार 20 सितंबर 2021 को 2:00 बजे होगी।
[ *सर्वोच्च न्यायालय में आज 14-09-2021 को चली कार्यवाही वह आदेश के आधार पर हमले जारी कर रहे हैं। किसी भी तथ्य की पूरी सत्यता के लिए पूरा आदेश साथ में भेज रहे हैं* ]
अभी तक जो कानूनी कार्रवाई सर्वोच्च न्यायालय में चली है उससे यह कहीं भी जाहिर नहीं होता कि हरियाणा सरकार सभी लोगों के पुनर्वास के लिये काम कर रही है। अभी पुनर्वास की लड़ाई बहुत लंबी है। *नगर निगम फरीदाबाद द्वारा दाखिल की गई पुनर्वास नीति बहुत ही कमजोर और लचर है। जिसमें सभी उजड़ो को पुनर्वास मिलने की उम्मीद बहुत ही कम है।*
अफसोस की एक माननीय सांसद वीडियो जारी करके इस नीति को बहुत अच्छा बता रहे हैं। बिना सही तथ्यों की जानकारी दिए पुनर्वास नीति की पात्रता पर बोल रहे हैं। उन्होंने पात्रता के बारे में जो भी कहा है वह पूरी तरह गलत है हमने 04-09-2021 के खोरी अपडेट में सरकार द्वारा जारी की गई पात्रता के बारे में लिख कर भेजा है। *सांसद महोदय का वीडियो पूरी तरह राजनीतिक और तथ्यों से बिल्कुल दूर हैं। जिस पुनर्वास नीति को वह दिखा रहे थे अपने वीडियो और अपने फेसबुक पर दिखा रहे हैं बेहतर होता कि वह उसको पढ़ भी लेते। अदालत की कार्यवाही यदि वे देख लेते तो उनको मालूम हो जाता कि जज साहब ने और सरकारी वकीलों ने क्या बोला तथा खोरी गांव से उजड़ो के लिए वास्तव में कौन से वकील लोग जिरह कर रहे हैं।*
हम जानते हैं कि पुनर्वास की लड़ाई बहुत लंबी है और पुनर्वास नीति में पात्रता का मुद्दा सबसे अहम है।
आइए सही जानकारी और सही तथ्यों के साथ अपने अधिकारों की लड़ाई लड़े।
*खोरी गांव के सहयोग में*
धर्मेंद्र, अभिषेक, बीना ज्ञान, अमन, अनिकेत, सरोज पासवान व विमल भाई