*खोरी अपडेट*
06-09-2021
साथियों जिंदाबाद!
आज सर्वोच्च न्यायालय में रेखा, पिंकी एवं पुष्पा बनाम भारत सरकार तथा अन्य मुकदमों मेंपूरी सुनवाई खोरी गांव से बेदखल किए गए लोगों के लिए अस्थायी आश्रय की गुणवत्ता के मुद्दे पर ही रही।
न्यायाधीशों ने वरिष्ठ अधिवक्ताओ संजय पारिख और कॉलिन गोंजाल्विस द्वारा प्रस्तुत राधा स्वामी सत्संग स्थल में अस्थायी आवास की निराशाजनक स्थिति के बारे में दो रिपोर्टों पर ध्यान दिया।
जैसा कि इन अधिवक्ताओं द्वारा पहले ही बताया गया था, न्यायाधीशों को इस बात के बताया गया था कि नगर निगम, फरीदाबाद का अस्थायी आश्रय राधा स्वामी सत्संग अस्थाई आश्रय के मानक दिशानिर्देशों को पूरा नहीं करते हैं।
इसलिए न्यायाधीशों ने खोरी निवासियों के आवास के प्रश्न का समाधान खोजने के लिए आवश्यक तात्कालिकता को समझा। उन्होंने नगर निगम फरीदाबाद को अगली तारीख, 13 सितंबर तक स्पष्ट समय सीमा के साथ वापस आने और पात्र परिवारों को जल्द से जल्द पुनर्वास प्रदान करने की योजना बनाने को कहा है।
अदालत ने इसके अलावा किसी को भी नहीं सुना और नगर निगम फरीदाबाद को तमाम वन भूमि खाली करने के लिए जिम्मेदार कहा।
हम बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय में किसी भी अन्य बस्ती का कोई मुकदमा पहले नहीं गया था, ना ही अदालत ने पहले किसी भी बस्ती को कोई स्टे नही दिया था। ना आज ही किसी को स्टे दिया है। बल्कि अदालत ने आज किसी भी वकील को सुनने से भी इनकार किया।
ऐसा दावा किया गया था कि सर्वोच्च न्यायालय से जमाई कॉलोनी को स्टे मिला है। जबकि ऐसा बिल्कुल नही था। आदेश की प्रति मिलते ही वह भी हम आपको भेजेंगे।
*खोरी गांव के सहयोग में*
धर्मेंद्र, अभिषेक, बीना ज्ञान, अमन, सरोज पासवान व विमल भाई