ख़ोरी अपडेट्स (अंक 172)
07-04-2023
जिंदाबाद साथियों!
हाल ही में केंद्र सरकार नया पर्यावरण संशोधन बिल लेकर आई हैं, जिसमे सरकार द्वारा अरावली में बहुत सारी योजनाओं को लागू किया जाना है “टाईम्स ऑफ इंडिया” की खबरों के अनुसार बिल में फॉर्म हॉउस व अन्य लोगो की पैरवी राज्य सरकार ने पत्र लिखकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय में की है।
जबकि खोरी गांव को ध्वस्त कर दिया गया हैं, यह कहते हुए कि एक बस्ती एक गैर-वन गतिविधि है। हालांकि, अब जब फार्महाउस और बैंक्वेट हॉल को ध्वस्त करने के लिए कहा गया है, तो सरकार उन्हें बचाने के लिए वन संरक्षण अधिनियम की छूट का उपयोग करना चाहती है।
वन संरक्षण अधिनियम वन भूमि में सभी गैर-वन गतिविधियों को प्रतिबंधित करता है। इसलिए वनीकरण के अलावा, भूमि का उपयोग किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकता। यहां तक कि वन भूमि को डायवर्ट करने के लिए छूट भी आम तौर पर केवल संरक्षण उद्देश्यों के लिए दी जाती है।
हरियाणा सरकार अमीर लोगों की सुरक्षा के लिए अपने ही कानूनों को तोड़ रही है।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए, हमारे वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारिख जी ने कहा, “सरकार का कदम नैतिक और नीति संबंधी रूप से गलत है। एक राज्य सरकार को गरीब और अमीर के बीच भेदभाव नहीं करना चाहिए। खोरी गांव मामले में हरियाणा सरकार ने वन संरक्षण अधिनियम में छूट की मांग नहीं की थी, तो वह बैंक्वेट हॉल और फार्महाउस के मामलों में अपनी स्थिति क्यों बदल रही है? अगर सरकार अरावली की रक्षा करना चाहती है, तो उसे एक समान रुख अपनाने की जरूरत है।”
सही और जरूरी जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहिए ।
टीम साथी

You must be logged in to post a comment.