Update 21 July

खोरी अपडेट (145)

21-07-2022

जिंदाबाद दोस्तो,

सर्वोच्च न्यायालय ने आज पीएलपीए यानी ” पंजाब भूमि संरक्षण कानून” को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना आदेश सुनाया। कोर्ट ने स्पष्ट कह दिया है कि इस कानून की धारा 4 के अंतर्गत जो जमीनें आती है वो जंगल की जमीन है। चूकि खोरी गांव धारा 4 में आता है। यह जरूर हमारे लिए धक्का है। क्योंकि इस आदेश के अनुसार खोरी गांव को जंगल पर बसा हुआ ही माना जाएगा।

31 मार्च के आदेश के बाद एक आशा बंधी थी कि शायद अदालत खोरी गांव के लोगों पर ध्यान देगी।

इस आदेश के क्या-क्या असर होंगे? 82 पन्नों के आदेेश का विश्लेषण हम अगले दो-तीन दिन में आप तक पहुंचाएंगे।

याद रखिए की जब बड़े फार्म हाउस तोड़ने की बात आई तो उसके बाद ही सर्वोच्च न्यायालय ने 22 अक्टूबर से इस कानून पर सुनवाई शुरू की थी। खोरी गांव को तोड़ने के आदेश से सर्वोच्च न्यायालय कभी पीछे नहीं हटा था। बार बार पुलिस भेजने का आदेश ही देता रहा।

हमारे हाथ तो अभी कुछ नहीं लगा है। तो हम जितना खो चुके हैं। उससे ज्यादा भी कुछ नही गया।

हां, यह भी अच्छा है कि कोर्ट ने हमारे मुकदमे के बारे में कोई उल्टी बात नहीं की है। जैसा कि एक मुकदमा जो पुरानी खोरी से श्री पूरन जी के नाम से था। (केस नंबर 1320/2021) अदालत ने पूरी तरह खारिज किया है।

खोने को अब कुछ बचा नहीं था। बस एक आशा बनी थी जो टूटी दिख रही है।

7 जून के आदेश में खोरी पूरी तरह तोड़ दी गई। हमारे केस में खोरी गांव के लोगों के हक की, उनके पुनर्वास की कोशिशें जारी हैं जो जारी रहेगी भी। हमारी लड़ाई जारी है। हम लड़ाई हारे नहीं हैं।

खोरी गांव के साथ और सहयोग में

टीम साथी