खोरी अपडेट (108)
30-03-2022
ज़िंदाबाद साथियों
सुप्रीम कोर्ट में चल रहे हमारे मुकदमों की कार्रवाई पर सूचना:–
29 मार्च की सुबह से जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस एएस ओका और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ, कमरा नंबर 3 में पीएलपीए यानि “पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम, 1900” पर बहस सुन रही है। सरकार, फार्म हाउस वाले सभी वकील एक तरफ हुए हैं।
पीएलपीए में बदलाव की बात कह रहे हैं। उनका कहना है कि इस कानून में बदलाव का अधिकार राज्य सरकार का है। वह जिस जमीन को चाहे कानून से बाहर कर सकती है। खासकर जो बड़ी रिहायशी इलाके हैं उनको।
27-2-2019 को हरियाणा सरकार ने पीएलपीए कानून में बदलाव के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया था। जिसको सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई
सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने अदालत को इस बारे में सूचित किया और कहा कि जब यंहा पीएलपीए पर सुनवाई हो रही है तो पी एल पी ए कानून में हरियाणा सरकार के बदलाव द्वारा किए जा रहे बदलाव वाले मुकदमे की सुनवाई भी यही होनी चाहिए।
बहस अभी लगातार जारी रहेगी।
फिलहाल खोरी गांव, महालक्ष्मी डेरा व जमाई कॉलोनी का कुछ हिस्सा तो तोड़ ही दिया गया। अब बड़े लोगों को बचाने के लिए सरकार उनके साथ खड़ी है।
अदालत में शब्दों का खेल जारी है।
आगे की जानकारी के लिए पढ़ते रहिये, सुनते रहिए ख़ोरी अपडेट।
खोरी गांव के साथ और सहयोग में
टीम साथी