
हक मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा
ख़ोरी गांव से उजाड़ी महिलाओं ने मनाया “महिला संघर्ष दिवस”
खोरी गाँव, 8 मार्च : अपना हक लेकर रहेंगे, जेल और उजाड़ का लेंगे हिसाब, मारपीट का लेंगे हिसाब, नहीं सहना है अत्याचार – नारी एकजुटता का विचार” ऐसे तमाम नारों के साथ ख़ोरी गांव से उजाड़ी गई महिलाओं ने टीम साथी के साथ हरियाणा दिल्ली बॉर्डर पर खड़े होकर महिला दिवस पर ख़ोरी गांव की बहनों के हक की लड़ाई का आगाज़ किया।
“महिला संघर्ष दिवस” कार्यक्रम का आयोजन चुंगी नंबर 3 लाल कुआं पर, ठीक दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर दिल्ली की सड़क पर किया गया जहां पीछे ख़ोरी गांव का उजाड़ नजर आता है।
रेखा बहन, समीना खातून, सितारा, राधा देवी, नजमा खातून, सुमित्राजी, गुरदीप कौर, उषा बहन व अनेको बहनों ने 7 जून के बाद 14 जुलाई से जो अभी तक जो उजाड़ने और अत्याचार हो रहा है उसकी बात रखी।
उन्होंने कहा कि 8 मार्च महिलाओं के सम्मान का दिन है। मगर हम नहीं भूलेंगे कि किस तरह हमको उजाड़ा गया। लगातार हम पर हमले किए जा रहे हैं। जबकि फरीदाबाद में 122 जगहों पर कब्जे हैं जिन पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही। 14 जुलाई 2021 से चालू हुए अमानवीय तोड़फोड़ में पुलिस प्रशासन ने महिलाओं पर, लड़कियों पर लाठीचार्ज भी किया। डंडे मारे। उनको पकड़ के जेल में भी डाला। महिलाओं को पुलिस ने प्रताड़ित किया। टूटे घरों के कारण गर्भवती विकलांग खासकर की बुरी और बच्चियों को बहुत परेशानी हुई। मजबूरी में खुले में शौच जाना। हर चीज से परेशान किया। खोरी गांव के भूखे-प्यासे बारिश में भीगते हुए लोगो को तंग किया गया। लड़कियों की पढ़ाई लिखाई कुछ भी नहीं सोचा था। देश भर में यह नारा होता है कि बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ किसके लिए है? मगर खोरी में नारे की असलियत है बेटी उजड़ो।
हमें महिला दिवस मनाने का अधिकार है। मगर हम कैसे महिला दिवस मनाए? हमारे घर ही नहीं रहे। महिलाओं ने एक स्वर में कहा कि खोरी गांव में हम पर जो अत्याचार हुआ उसे नहीं भूला जाएगा। हम सरकार से इस बात का हिसाब लेंगे और अपने संघर्ष को आगे बढ़ाएंगे।
“महिला संघर्ष दिवस” अब तक के चले संघर्ष को समझने और आगे संघर्ष में एकजुट रहने की बात के साथ समाप्त किया गया।
रेखा बहन ने कार्यक्रम के समापन में “कोमल है कमजोर नहीं- शक्ति का नाम ही नारी है” गाया। बहनों ने नारे के साथ “इसलिए राह संघर्ष की हम चले” वाला प्रसिद्ध आंदोलनकारी गीत भी गाया।
टीम साथी के युवाओं ने प्रसिद्ध क्रांतिकारी युवा कवि पाश की कविता “हम लड़ेंगे साथी” को खोरी गांव के उजाड़ से जोड़कर दोहराया।
कार्यक्रम में बहनों ने एक शपथ ली –
“जो अन्याय अत्याचार उनके साथ हुआ है। उसको भी कभी नहीं भूलेंगे। हम सरकार से उसका हिसाब लेंगी।
7 जून 2021 को ख़ोरी गांव को सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय का आदेश सामने रखकर बिना कोई सर्वे किये उजाड़ दिया।
जिस जमीन को हमने अपनी जीवन की पूंजी से खरीदा था। एक छोटा सा मकान सिर्फ रहने के लिए बनाया था। उसको तोड़कर बदले में हमें अपमान, अपशब्द, मारपीट, जेल औऱ उजाड़ दिया गया।
बिना खाने रहने की मदद के बिना इस उजाड़ का सबसे बड़ा असर महिलाओं पर पड़ा। हम महिलाएं मजदूर महिलाएं हैं। जो बाहर काम करती है और घर को भी संभालती हैं। इस उजाड़ के बाद सबसे बड़ी समस्या यही आई कि हमारे घर ही नहीं रहे। हम पूरी तरह आसमान के नीचे रहे। सर्दी, बरसात और गर्मी पिछले 9 महीनों में हमने झेली हैं।
सरकार ने कोई मानवीय तरह से हमें नहीं देखा। मगर हम मेहनतकश महिलाएं हैं। हमारे में संघर्ष का माद्दा है। हम अपने हक के लिए संघर्ष करते रहेंगे। जब तक हक नहीं मिलेगा अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
टीम साथी
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