हरियाणा के पूर्व पर्यावरण मंत्री और अन्य नेताओं ने किया अरावली में अवैध निर्माण

बीजेपी हो या कांग्रेस, जिन नेताओं पर अरावली को बचाने की जिम्मेदारी थी, उन्होंने बढ़-चढ़ कर उसे बर्बाद किया

बसंत कुमार | आयुष तिवारी | न्यूज़लॉन्ड्री

Shambhavi Thakur

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अरावली के प्रति राजनेताओं के रवैये की कहानी सत्ता के दुरुपयोग की है. ऐसे उल्लंघनों को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है. क्योंकि अतिक्रमण जैसे अपराधों को आमतौर पर मामूली माना जाता है.

ना जाने कितने ही वैज्ञानिक सबूत हैं कि इस तरह जंगलों के खत्म करने का असर तापमान में बढ़ोतरी से लेकर पानी के स्तर और खेती तक होता है. बावजूद पर्यावरण का क्षरण कर जमीन पर अतिक्रमण किया जा रहा है और जंगलों को खत्म किया जा रहा है.

ऐसा माना जाता है कि विकास को बढ़ावा देना और पर्यावरण का सरंक्षण दोनों में से एक को चुनना होता है. लेकिन हरियाणा में राजनेताओं के मामलों से पता चलता है कि यहां मामला व्यक्तिगत लालच का है और इस लालच में नियमों की छज्जियां उड़ाकर जंगलों को खत्म किया जा रहा है. वो भी उस राज्य में जहां जंगल बेहद ही कम हैं.