टीम साथी, ख़ोरी गांव का चिट्ठी आंदोलन का दूसरा महत्वपूर्ण दौर चालू है। 28 नवम्बर से चिट्ठी आंदोलन का दूसरा दौर चालू है। टीम साथी के युवाओं ने ख़ोरी गांव के लोगो को जगह-जगह जाकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की जानकारी दी।
चिट्ठी आंदोलन के दौरान अब तक हजारों लोगों से बात की गई है। मालूम हुआ की किसी को भी 2000₹ की आर्थिक सहायता नहीं मिली है।
इस बारे में सैकड़ों लोगों की ओर से हस्ताक्षर किए हुए पत्र नगर निगम फरीदाबाद को ईमेल से भेजे गए।
पत्र में मांग की गई की दिल्ली के पास चुंगी नंबर 3, चुंगी नंबर 2 पर नगर निगम फरीदाबाद अपने क्षेत्रीय दफ्तर खोलें तथा ई पोर्टल पुनः खोलें जाने की भी मांग की गई है।
ख़ोरी गांव से उजड़े लोगो की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब हुई है। किसी तरह की कोई सोलेशियम यानि आर्थिक सहायता नही मिली है।
15 नवम्बर तक 5000 से ज्यादा लोगों ने डबुआ कॉलोनी के फ्लैट के लिए आवेदन किया था। बहुत लोगों के आवेदन रिजेक्ट हुए हैं। कुछ लोगों के आवेदन स्वीकार भी हुए। मगर डबुआ कॉलोनी अभी तक रहने लायक नहीं है। किसी भी तरह का पानी, बिजली व सीवर की सुविधा नहीं है। गंदगी भरी पड़ी है। कमरे टूटे-फूटे हैं। दरवाजे खिड़कियां नहीं है। अगले कई महीने तक भी वहां भी रहने की स्थिति नही है।
लोगो ने मांग की कि तुरंत चुंगी नंबर 3, चुंगी नंबर 2, हरियाणा दिल्ली बॉर्डर पर अपने क्षेत्रीय दफ्तर खोलें, ताकि लोग सोलेशियम यानि आर्थिक सहायता के लिए वहां चिट्ठी दे सके। ₹2000 बहुत ही कम राशि है मगर लोगों को कुछ भी मदद की बहुत जरूरत है।
दूसरा महत्वपूर्ण मुद्दा ई पोर्टल पुनः खोले जाने का है।
बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो कि 15 नवंबर तक अपना आवेदन जमा नहीं करा पाए हैं। यहां मजदूर वर्ग के लोग हैं। जो ज्यादातर अनपढ़ हैं। जानकारी के अभाव में या फिर दूर होने के कारण से या समझ ना आने की वजह से वे ई पोर्टल पर अपना आवेदन जमा नहीं कर पाए। काफी लोग ऐसे भी है जिनसे ई पोर्टल भरने के समय कुछ गलतियां हो गई थी। उन गलतियों को ठीक करने के लिए ई पोर्टल को दोबारा खोलना और उसमें एडिट करने की बहुत जरूरत है।
चिट्ठी आंदोलन का उद्देश्य यही है कि लोग अपनी मांग सरकार तक पहुंचा सके। लोगों तक सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की जानकारी पहुंचाना और उसके अनुसार प्रक्रिया को चलाना। डबुआ कॉलोनी में फ्लैट के लिए जिन्होंने ई पोर्टल पर फार्म नहीं भी भरा हो किंतु खोरी गांव में उनके मकान तोड़े गए। इसलिए उनको यह न्यूनतम ₹2000 की आर्थिक सहायता पाने का हक है।
हरियाणा सरकार से पुनः यह मांग करते हैं कि वह हरियाणा दिल्ली बॉर्डर के पास चुंगी नंबर 3, चुंगी नंबर 2 पर नगर निगम फरीदाबाद अपने क्षेत्रीय दफ्तर खोलें तथा ई पोर्टल पुनः खोलें जाने की भी मांग की गई है।
टीम साथी
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