*खोरी अपडेट*
29 अगस्त 2021
देरी के लिए क्षमा!फरीदाबाद में सब तरफ टूट और उजाड़ है। यही देरी का कारण है।
आपको जानकारी मिल ही गई होगी कि 6 सितंबर को खोरी से संबंधित सभी मुकदमों की अगली तारीख 6 सितंबर 2021 है।
अब अफसोस के साथ कहना पड़ता है कि 27 तारीख को अदालत लोगों के पक्ष को पूरा नहीं सुना।
रेखा, पिंकी एवं पुष्पा बनाम भारत सरकार व अन्य वाले मुकदमे में वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारीख जी ने पर्यावरण कार्यकर्ता डॉ मंजू मेनन और एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड सृष्टि अग्निहोत्री की रिपोर्ट पर बात रखनी थी।
सरीना बनाम अन्य वाले मुकदमे में वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिंन जी ने वकीलों के समूह की एक रिपोर्ट फाइल की।
अदालत ने इन रिपोर्टों पर सरकार को 3 सितंबर तक जवाब दाखिल करने के लिए आदेश दिया है। अपेक्षा थी की खुली अदालत में भी इन रिपोर्टों पर चर्चा होती। मगर सरकारी वकील को किसी तरह की परेशानी में नहीं डाला गया और मात्र जवाब दाखिल करने के लिए कह दिया गया।
सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि ख़ोरी की पुनर्वास नीति फाइनल हो गई है। अदालत ने उनको ये पुनर्वास नीति सभी वकीलों को उपलब्ध कराने का आदेश दिया। अगली सुनवाई पर इस नीति के सभी बिंदुओं पर ध्यान दिया जाएगा।
आश्चर्यजनक रूप से सभी फार्म हाउसों के केस भी साथ लगा दिए गए थे। अदालत ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि जब हजारों परिवार छत, भोजन और दैनिक जरूरतों रोजगार से महरुम होकर बहुत बुरी परिस्थिति में है तो ऐसे समय में अगले 10 दिन भी वे कैसे काटेंगे? अपेक्षा थी कि अदालत तुरंत ध्यान देती और सरकार को निर्देश देती कि वे लोगों को फौरी सहायता दें।
*ख़ोरी गांव के बाद पीला पंजा सब ओर*
बावजूद इसके कि खोरी गांव से उजड़े लोगों की स्थिति बद से बदतर हो रही है। सही पुनर्वास नीति अभी तक नही बन पाई है। लागू कब कैसे होएगी?
मगर हरियाणा सरकार पंजाब भूमि संरक्षण कानून, अरावली प्लांटेशन और कितने नामों से जंगल की जमीन के नाम पर तेजी से मजदूर वर्ग व अन्यो के मकानों को तोड़ने में लगी है। और इन सब के लिए कहीं कोई पुनर्वास नीति का जिक्र नहीं है।मगर खोरी गांव या अन्य जगहों पर गरीबो को लूटने वाले भू माफिया के खिलाफ कार्यवाही कार्यवाही की गति पीले पंजे से तेज होनी चाहिए थी।
*खोरी गांव के सहयोग में*
अभिषेक, बीना ज्ञान, सरोज पासवान, कंचन चौधरी, धर्मेंद्र व विमल भाई