Letter to Haryana Government from Khori residents regarding rehabilitation policy and temporary accommodation

07 August 2021


सेवा में,
श्री विजय वर्धन चीफ सेक्रेट्री हरियाणा सरकार vijaivardhan@hry.nic.incs@hry.nic.in
श्री एस0 एन0 रॉय एडीशनल चीफ सेक्रेट्री अर्बन लोकल बॉडीज roysn@hry.nic.infclg@hry.nic.in

श्री टी0 सी0 गुप्ता एडीशनल चीफ सेक्रेट्री,माइंड एंड जूलॉजी गवर्नेंस रिफॉर्म्स अथॉरिटी, एंप्लॉयमेंट, हाउसिंग फॉर ऑल एंड वर्क रिलेटेड सी एम अन्नोउंसमेंट्स fcminesg-hry@nic.in

विषय: खोरी गांव से उजड़े लोगों की पुनर्वास नीति व वर्तमान के लिए व्यवस्था।


श्रीमान जी, 
खोरी गांव से उजाड़े गए लोगों में ज्यादातर मजदूर वर्ग के लोग रहे हैं। जिन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई, या कर्जा लेकर या अपने पीछे के गांव की जमीन जायदाद बेचकर, बैंकों से भी कर्जा लेकर अपने छोटे घरोंदे बनाए थे। लोगो ने खासकर 14 जुलाई 2021 से बहुत बुरा समय देखा है। शारीरिक मानसिक पीड़ा झेली है। हमारा सम्मान भी बुरी तरह गिरा दिया गया है। लॉकडाउन में बेरोजगारी झेली, अब घर भी समाप्त हुआ है। लोग कहीं कहीं किराए पर या रिश्तेदारी में या कहीं सड़क पर और या कहीं ईटों के ढेर पर पड़े हैं।


इन सब परिस्थितियों में हम खोरी गांव से उजाड़े गए लोगों के लिए हरियाणा सरकार को एक ऐसी पुनर्वास नीति बनानी चाहिए जो देश में एक अलग पहचान रखें।


नगर निगम फरीदाबाद ने जो पुनर्वास नीति का ड्राफ्ट बनाया था। उस पर हमने सुझाव दिए थे। कुछ जल्दी बाजी या समय की कमी के कारण हमारे सुझावों पर  सही तरह से विचार नहीं किया गया। 
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 3 अगस्त के अपने आदेश में पृष्ठ संख्या 4 यह आदेशित कि

या है कि नगर निगम फरीदाबाद द्वारा खोरी गांव के उजाड़े लोगों के लिए बनाई गई पुनर्वास नीति को हरियाणा सरकार अगली सुनवाई तक अंतिम रूप दे दे।( 03-08-2021 का सर्वोच्च न्यायालय का आदेश संलग्न है)
अब क्योंकि हरियाणा सरकार स्वयं पूरी नीति को देख रही है। इसलिए यह जरूरी है कि हमारे साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय को मद्देनजर रखना होगा।


पुनर्वास की प्रक्रिया को सरल बनाना चाहिए।  जिसमें हम को शामिल किया जाए। हमारी सहमति भी ली जाए। मुख्य रूप से तो पात्रता का दायरा बढ़ाना चाहिए है:–
जिसमें कही का भी वोटर आई कार्ड 
व जिसके साथ खोरी गांव के निवास का कोई भी कागजात जैसे 
परिवार पहचान पत्र, 
जन्म प्रमाण पत्र, 
मृत्यु प्रमाण पत्र, 
शादी प्रमाण पत्र
बच्चों का स्कूल दाखिले संबंधी कागजात, 
प्रॉपर्टी के कागजात, भूमि खरीद के कोई भी कागजात 
राशन कार्ड 
बैंकिंग अकाउंट, 

आदि को पुनर्वास का आधार माना जाए।
सबके घर खत्म हुए हैं। इसलिए लोगों के लिए जब तक समुचित पुनर्वास ना हो तब तक भोजन की व रहने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।
हजारों परिवारों को एकदम से खोरी गांव से निकाले जाने के कारण आसपास के इलाकों में मकानों के किराए काफी तेजी से बढ़े हैं। इसलिए मकानों का किराया भत्ता कम से कम ₹5000 प्रति परिवार समुचित पुनर्वास होने तक दिलवाया जाए।
पुनर्वास के लिए दी जा रही डबुआ कॉलोनी के फ्लैट बहुत ही बुरी दशा में हैं। किसी तरह की कोई सुरक्षा नहीं है। बिजली- पानी नहीं है। ज्यादातर फ्लैटों में कोई खिड़की दरवाजे तक भी नहीं है।


सर्वोच्च न्यायालय के 3 अगस्त के आदेश के बावजूद अभी तक नगर निगम फरीदाबाद ने शिकायतें दर्ज कराने के लिए कोई इमेल जारी नहीं किया है। ना ही राधा स्वामी सत्संग पर कोई बैकअप कार्यालय की स्थापना की गई है।
जो लोग अभी भी खोरी गांव के टूटे घरों पर ईंटों पर बैठे हैं। उनको वहां से बिना किसी शेल्टर व  भोजन , स्वास्थ्य की व्यवस्था किये वँहा से तुरंत निकलने के लिए कहा  जा रहा है, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की धमकी दी जा रही है।
ऐसे में आप से निवेदन है कि आप इन मुद्दों पर तुरंत संज्ञान लें और आवश्यक कदम उठाएं। पुनर्वास नीति की पूरी प्रक्रिया में हम आपके सहयोग में हैं। 


आप हमें बताएं हम आपको कब मिल कर के भी सारी स्थिति बता सकते हैं।


आप से तुरंत कदम उठाए जाने की अपेक्षा में
 रेखा, पिंकी, पुष्पा तथा अन्य खोरी गांव से उजाड़े निवासी

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